Thursday, May 6, 2010

फांसी की राह, है अभी लम्बी


आतंकी कसाब को फांसी दिए जाने के बाद पूरे देश में खुशी की लहर दौड़ गई है....मुंबई की विशेष कोर्ट के इस फैसले से ना सिर्फ मुंबई हमलों के पीड़ितों को इंसाफ मिला है बल्कि... इस फैसले ने एक बार फिर ये जता दिया है कि भारत की ओर आंख उठाकर देखने वाले को बख्शा नहीं जाएगा.....कसाब को सज़ा तो दे दी गई है लेकिन भारत की कानून व्यवस्था की लंबी प्रक्रिया की वजह से इस फैसले को अमल में लाने में अभी काफी लंबा वक्त है....भारत की न्याय व्यवस्था के अनुसार जब किसी दोषी को सज़ा सुनाई जाती है तब दोषी को ये हक है कि वो अपनी सज़ा पर दुबारा सुनवाई के लिए हाईकोर्ट में अपील करे....लेकिन मौत की सज़ा के मामले में नियम थोड़े अलग है..इस मामले में ट्रायल कोर्ट को ही केस के कागज़ात और फैसले की कॉपी हाईकोर्ट को भेजनी पड़ती है....कसाब के मामले में भी विशेष अदालत को इसी प्रक्रिया से गुज़रना पड़ेगा...अगर इस ममाले में हाईकोर्ट कसाब की सज़ा को कायम रखता है तो फिर कसाब को ये हक है कि वो इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाए.....अगर सुप्रीम कोर्ट भी इस फैसले को बरकरार रखती है तो कसाब के लिए एक और दरबार खुला है....वो दरबार है देश की राष्ट्रपति का दरबार.....आमतौर पर राष्ट्रपति के पास भेजी गई ऐसी दया याचिका पहले गृहमंत्रालय के पास पूरी रिपोर्ट तैयार किए जाने के लिए भेजी जाती है....रिपोर्ट मिलने के बाद ही राष्ट्रपति दया याचिका पर गौर करेंगी....हालांकि राष्ट्रपति के पास भेजी गई ऐसी दया याचिका को निपटाने के लिए कोई निर्धारित समय सीमा नहीं होती....इस वजह से इस पूरी प्रक्रिया में काफी वक्त लग सकता है...

हत्यारे को फांसी



17 महिनों से इंसाफ की राह तकती मुंबई को आखिरकार इंसाफ मिल ही गया…लश्कर-ए-तैयबा के जिन आतंकियों ने पूरी मुंबई को अपने आतंक से झिकझोड़कर रख दिया था उनमें से एक था कसाब.... आखिरकार उसे अब सज़ा दे दी गई...कसाब को जहां 4 मामलों में फांसी की सज़ा सुनाई गई है वहीं दूसरी ओर 6 मामलों में उम्रकैद की सज़ा दी गई है...कसाब पर ना सिर्फ कई लोगों की हत्या का दोष है बल्कि भारत के खिलाफ जंग छेड़ने का भी दोष है....
26/11 हमले से मुंबई को दहलाने वाले आतंकियों में अजमल आमिर कसाब ही एकमात्र ऐसा आतंकी है जिसे सुरक्षाबलों ने जिंदा पकड़ने में कामयाबी हासिल की थी...हालांकि गिरफ्तारी के बाद आरोपी कसाब के केस की सुनवाई कई नाटकीय मोड़ लेती हुई एक लंबे न्याय प्रक्रिया से गुजरी....इस लंबी न्याय प्रक्रिया से गुजरते हुए आखिरकार इस केस का आखिरी पड़ाव आ ही गया...इस आखिरी पड़ाव पर पहुंचकर 26/11 मुंबई हमले के आरोपी कसाब को दोषी करार देते हुए सज़ा सुना दी गई है....कसाब को सज़ा सुनाए जाने से ना सिर्फ देश के लोगों को खुशी है बल्कि मुंबई पुलिस भी इस सज़ा से काफी खुश है.....
पाकिस्तानी नागरिक कसाब का फरीदकोट से मुंबई जेल तक का सफर काफी दिलचस्प रहा....2005 में झगड़ा करने के बाद घर से भागने वाला कसाब अपने दोस्तों के साथ मिलकर छोटी छोटी आपराधिक वारदातों को अंजाम देने लगा...2007 में जब कसाब रावलपिंडी में हथियार खरीद रहा था तब कसाब की मुलाकात हुई आतंकी संगठन ज़मात-उल-दावा के सदस्यों से....इस मुलाकात के बाद कसाब जुड़ गया इस आतंकी संगठन से...इसके बाद शुरू हुई कसाब को एक खतरनाक आतंकी बनाने की कहानी....कसाब को आतंकवाद के सांचे में ढालने के लिए ट्रेनिंग के कड़े चरणों से गुजारा गया....इस कड़ी ट्रेनिंग से गुजरने के बाद छोटी छोटी आपराधिक वारदातों को अंजाम देने वाला कसाब बन गया एक खतरनाक आतंकवादी...इसके बाद कसाब को सौंपी गई एक खौफनाक आतंकी जिम्मेदारी.....इस जिम्मेदारी को पूरा करने के लिए 26 नवंबर, 2008 को कसाब ने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर धावा बोला भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई पर....इस आतंकी हमले से ना सिर्फ मुंबई बल्कि पूरी दुनिया दहल उठी....हालांकि 26/11 हमले में कसाब महज एक मोहरा था....इस खूनी खेल के असली खिलाड़ी तो अभी भी पाकिस्तान में महफूज़ छुपे हैं...कसाब को सज़ा मिलने से ना सिर्फ हमले के पीड़ितों को इंसाफ मिला है बल्कि पूरे भारत को इंसाफ मिला है...हालांकि कसाब को दी गई सज़ा देश के जख्मों पर लगाया गया महज़ एक मरहम है....नासूर बन चुके आतंकवाद के इस जख्म का असली इलाज तो तब होगा जब मुंबई हमले के असली दोषियों को सज़ा मिलेगी.....

Monday, May 3, 2010

17 महिनों बाद दोषी करार




26 नवंबर 2008 को मुंबई के साथ साथ पूरी दुनिया को आतंकी हमले से दहलाने वाले अजमल कसाब को अदालत ने दोषी करार दे दिया है.....मुंबई की स्पेशल कोर्ट में जब जज कसाब का फैसला पढ़ रहे थें तब कसाब सिर झुकाए जज के फैसले को सुन रहा था...हालांकि लश्कर-ए-तैएबा के इस आतंकी पर 166 लोगों को मारने का आरोप लगाया गया था लेकिन कसाब को इनमें से 72 लोगों की हत्या का दोषी करार दिया गया है.....इसके अलावा कसाब को भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने का भी दोषी करार दिया गया है.... 113 मिनट तक चली कोर्ट की कार्रवाई में कसाब को दोषी करार दिए जाने के बाद कसाब को कल सज़ा सुनाए जाने का फैसला किया गया है....17 महिनों तक चली इस केस की सुनवाई का फैसला 1522 पन्नों में लिखा गया है....26/11 मुंबई हमले के इस केस में कसाब को दोषी करार दिए जाने में बैलिस्टिक रिपोर्ट ने सबसे अहम भूमिका निभाई....

अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए मुंबई हमले को पूरी तरह एक विदेशी हमला करार दिया...इसके साथ हीं कसाब की मदद करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए फहीम और सबाउद्दीन को बरी कर दिया गया है कसाब को दोषी करार दिए जाने के बाद सारे देशवासियों को अब कसाब के सज़ा का इंतजार है.....ना सिर्फ मुंबई हमले के पीड़ित बल्कि पूरा देश कसाब के सज़ा सुनाए जाने का इंतजार कर रहा है.....कसाब को चाहे जो भी सज़ा मिले लेकिन देश को असली इंसाफ तो तभी मिलेगा जब खौफनाक और दिल दहलाने वाले मुंबई हमले के असली साजिशकर्ताओं को सज़ा मिलेगी जो आज ना सिर्फ पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं बल्कि पाकिस्तान में महफूज़ भी छुपे है.....