Thursday, May 6, 2010

हत्यारे को फांसी



17 महिनों से इंसाफ की राह तकती मुंबई को आखिरकार इंसाफ मिल ही गया…लश्कर-ए-तैयबा के जिन आतंकियों ने पूरी मुंबई को अपने आतंक से झिकझोड़कर रख दिया था उनमें से एक था कसाब.... आखिरकार उसे अब सज़ा दे दी गई...कसाब को जहां 4 मामलों में फांसी की सज़ा सुनाई गई है वहीं दूसरी ओर 6 मामलों में उम्रकैद की सज़ा दी गई है...कसाब पर ना सिर्फ कई लोगों की हत्या का दोष है बल्कि भारत के खिलाफ जंग छेड़ने का भी दोष है....
26/11 हमले से मुंबई को दहलाने वाले आतंकियों में अजमल आमिर कसाब ही एकमात्र ऐसा आतंकी है जिसे सुरक्षाबलों ने जिंदा पकड़ने में कामयाबी हासिल की थी...हालांकि गिरफ्तारी के बाद आरोपी कसाब के केस की सुनवाई कई नाटकीय मोड़ लेती हुई एक लंबे न्याय प्रक्रिया से गुजरी....इस लंबी न्याय प्रक्रिया से गुजरते हुए आखिरकार इस केस का आखिरी पड़ाव आ ही गया...इस आखिरी पड़ाव पर पहुंचकर 26/11 मुंबई हमले के आरोपी कसाब को दोषी करार देते हुए सज़ा सुना दी गई है....कसाब को सज़ा सुनाए जाने से ना सिर्फ देश के लोगों को खुशी है बल्कि मुंबई पुलिस भी इस सज़ा से काफी खुश है.....
पाकिस्तानी नागरिक कसाब का फरीदकोट से मुंबई जेल तक का सफर काफी दिलचस्प रहा....2005 में झगड़ा करने के बाद घर से भागने वाला कसाब अपने दोस्तों के साथ मिलकर छोटी छोटी आपराधिक वारदातों को अंजाम देने लगा...2007 में जब कसाब रावलपिंडी में हथियार खरीद रहा था तब कसाब की मुलाकात हुई आतंकी संगठन ज़मात-उल-दावा के सदस्यों से....इस मुलाकात के बाद कसाब जुड़ गया इस आतंकी संगठन से...इसके बाद शुरू हुई कसाब को एक खतरनाक आतंकी बनाने की कहानी....कसाब को आतंकवाद के सांचे में ढालने के लिए ट्रेनिंग के कड़े चरणों से गुजारा गया....इस कड़ी ट्रेनिंग से गुजरने के बाद छोटी छोटी आपराधिक वारदातों को अंजाम देने वाला कसाब बन गया एक खतरनाक आतंकवादी...इसके बाद कसाब को सौंपी गई एक खौफनाक आतंकी जिम्मेदारी.....इस जिम्मेदारी को पूरा करने के लिए 26 नवंबर, 2008 को कसाब ने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर धावा बोला भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई पर....इस आतंकी हमले से ना सिर्फ मुंबई बल्कि पूरी दुनिया दहल उठी....हालांकि 26/11 हमले में कसाब महज एक मोहरा था....इस खूनी खेल के असली खिलाड़ी तो अभी भी पाकिस्तान में महफूज़ छुपे हैं...कसाब को सज़ा मिलने से ना सिर्फ हमले के पीड़ितों को इंसाफ मिला है बल्कि पूरे भारत को इंसाफ मिला है...हालांकि कसाब को दी गई सज़ा देश के जख्मों पर लगाया गया महज़ एक मरहम है....नासूर बन चुके आतंकवाद के इस जख्म का असली इलाज तो तब होगा जब मुंबई हमले के असली दोषियों को सज़ा मिलेगी.....

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