Monday, September 6, 2010

सस्ती वर्दी की जान


बिहार के लखीसराय में पहले नक्सलियों के हाथों पुलिसऔर बीएसएफ जवानों का कत्लेआम और फिर 4 पुलिसवालों को बंधक बनाया जाना...इस घटना ने सिर्फप्रदेश सरकार की लाचारी को उजागर किया बल्कि ये भीसाबित कर दिया कि वर्दी की जान की कोई कीमत नहींहोती...जो जवान अपनी जान पर खेल कर सिर्फ आमजनता बल्कि तमाम नेताओं को भी नक्सलियों की बुरीनज़र से बचाते हैं उनके ही इस बलिदान और सेवा का कोईमोल नहीं है॥प्रदेश के लखीसराय में नक्सलियों के हाथोंपुलिसकर्मियों के अपह्त किए जाने से सिर्फ चारपरिवार की खुशियां दांव पर लगी थी बल्कि नक्सलियों के इस दुस्साहस से देश भर के लोगों की सांसें भी अटकीथी..जिस वक्त प्रदेश की जनता और अपह्त पुलिसकर्मियों के परिजन मुख्यमंत्री से मदद की गुहार लगा रहे थें वहीऐसे मुश्किल वक्त में प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चिंता तो सता रही थी लेकिन नक्सलियों की बंदूक कीनोंक पर खड़े अपह्त पुलिसकर्मियों की नहीं बल्कि आगामी विधानसभा चुनाव में अपनी कुर्सी बचाने की...तभी तोनक्सलियों के इस कुकर्म के खिलाफ जहां कड़ी कार्रवाई किए जाने की जरूरत थी वहां मुख्यमंत्री चुनाव के दौरानअपनी पार्टी की पैठ जमाने के लिए आम सभा को संबोधित करने में व्यस्त थे...इतना ही नहीं अपह्तपुलिसकर्मियों के मामले में मुख्यमंत्री ने मुंह तो खोला लेकिन चार दिनों बाद...चार दिन बीत जाने पर जब मुंहखोला तो बड़ी आसानी से अपनी लाचारी जताते हुए शर्मनाक बयान दिया किमेरे घर के आगे धरना देने से क्याहोगा ? किसी के हाथों में कुछ भी नहीं है,जो है वो उनके(नक्सलियों के)हाथों में है ”... इसके अलावा अपनी सफाईदेते हुए लोकतंत्र के कायदे-कानून की पट्टी भी पढ़ा दी...इधर नक्सलियों को जब लगा कि उनके फेंके पासे काअसर नहीं हो रहा तो उन्होंने दावा कर दिया कि अपह्त अभय यादव को मार डाला गया है...नक्सलियों के इस दावेको सुनकर मुख्यमंत्री ने ऐलान कर दिया कि वो नक्सलियों से बातचीत के लिए तैयार हैं...जनता को लगा कि चलोशायद नीतीश जी को इन अपह्त पुलिसकर्मियों की चिंता तो हुई...लेकिन..सच तो ये है कि उनकी ये चिंता अपह्तपुलिसकर्मियों के लिए कम बल्कि खुद के लिए ज्यादा थी...क्योंकि नक्सलियों ने अभय को मारने का दावा करनेके अलावा मुख्यमंत्री आवास को उड़ाने की धमकी जो दी थी...बस फिर क्या था आनन-फानन में कार्रवाई कीगई..लेकिन ये कार्रवाई अपह्तों को छुड़ाने के लिए नहीं बल्कि मुख्यमंत्री और उनके आवास को बचाने के लिए कीगई...इस कार्रवाई के तहत फौरन मुख्यमंत्री के आवास की सुरक्षा कड़ी कर दी गई...इसके बाद नक्सलियों ने खुदको जुबां का पक्का साबित करने के लिए किया कत्ल...इन नक्सलियों ने एक अपह्त को मारने के दावे को सचसाबित किया...लेकिन...दरोगा अभय की जगह हवलदार लुकस टेटे को उतारा मौत के घाट..इतना होने के बाद भीनीतीश कुमार मुस्कुराते रहे और कार्रवाई करने का झूठा भरोसा दिलाते रहे...इसके बाद नक्सलियों के इस हाइटेकड्रामे की अवधी बढ़ी और इस ड्रामे में ट्रविस्ट लाते हुए अपह्त अभय यादव की पत्नी को बहन कहा और उसके घरआकर राखी बंधवाई...आखिरकार आठ दिन बीत जाने पर नक्सलियों ने अपने इस ड्रामे का पर्दा गिराया और बाकिके 3 अपह्त पुलिसकर्मियों को रिहा कर दिया...जाहिर है ये खुशी का बात थी और ऐसे खुशी के मौके पर प्रदेश केमुख्यमंत्री ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा- “ अंत भला तो सब भला”... मुख्यमंत्री के इस बयान से साफजाहिर हुआ कि बंधकों की रिहाई से उन्हें काफी राहत मिली...राहत तो मिलनी ही थी...आवास के बाहर बंधकों केपरिजनों के धरने से मुख्यमंत्री जी को सभाओं में आने जाने में परेशान जो हो रही थी...तभी तो बंधकों की रिहाई सेपहले इस मामले में अपनी लाचारी जताने वाले नीतीश कुमार बंधकों की रिहाई के बाद सीना तानकर मीडिया केसामने आएं और बंधकों को छुड़ाने का श्रेय लेते हुए पुलिसकर्मियों और राजनीतिक दलों का धन्यवाददिया...लेकिन नीतीश कुमार ने ये नहीं बताया कि कौन सी राजनीति पार्टी ने क्या-क्या मदद की....मुख्यमंत्री तोशायद ये भी भूल गएं कि जिस वक्त बिहार में इतनी बड़ी समस्या खड़ी थी, 4 जिन्दगियां दांव पर लगी थी उस वक्तएक राजनीतिक दल का युवराज बिहार में ही अपने राजनीतिक दौरे में व्यस्त था...युवराज हीं नहीं खुद मुख्यमंत्रीभी चुनाव के सिससिले में सभाओं को संबोधित कर वोटरों को लुभाने में व्यस्त थें....फिर ये धन्यवाद जाने कौन सीराजनीतिक पार्टी के लिए थी...जहां एक ओर प्रदेश सरकार ये दावे करने से पीछे नहीं हटी कि बंधकों को छुड़ाने मेंउन्होंने अपनाअनमोलयोगदान दिया है वहीं दूसरी ओर नक्सलियों ने सरकार के इस दावे को ढकोसला बतातेहुए कहा कि उन्होंने बंधकों को उनके परिजनों और लोगों के अपील की वजह से रिहा किया...बहरहाल आठ दिनतक चले नक्सलियों के इस ड्रामे में जहां एक परिवार की खुशियां उजड़ गई वही इस घटना पर मुख्यमंत्री के रवैयेने ये बखुबी साबित कर दिया कि उनकी और आम जनता की सुरक्षा के लिए जिम्मेवार इन पुलिसकर्मियों की जानकी कीमत कुछ भी नहीं....

1 comment:

  1. so true..
    hats off to ur way of writing and expressions...

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