Thursday, January 13, 2011
सीबीआई की नाकाम तस्वीर
देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी की नाकाम है...मजबूर है....लाचार है.....हाल ही की बात करें तो....इतने बड़े घाटाले और देश की सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री पर मानों सीबीआई ने घुटने टेक दिया हैं. च्वग घोटाले केस में आरोपी जयचंद्रन और टी एस दरबारी की गिरफ़्तारी के ६० दिनों बाद भी सीबीआई इनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं कर पाई...सीबीआई की इस नाकामी का नतीज़ा ये रहा कि दिल्ली हाईकोर्ट को सीबीआई को फटकारते हुए मजबूरन इन आरोपियों को ज़मानत देनी पड़ी...हालांकि सीबीआई की ये पहली नाकामी नहीं है जब देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी ने देश के कानून-व्यवस्था का सिर शर्म से झुकाया हो... आरूषि मर्डर केस में भी सीबीआई आरोपी राजेश तलवार के खिलाफ चार्जशीट दाखिन नहीं कर पाई जिसकी वजह से कोर्ट को मजबूरन राजेश की याचिका स्वीकार करते हुए केस की क्लोज़र रिपोर्ट तलवार को सौंपनी पड़ी...बहरहाल इन सभी अहम मामलों में लगातार एक के बाद एक सामने आती सीबीआई की नाकामी की इस सूची ने देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी पर से लोगों का भरोसा उठा दिया है...सीबीआई की इन नाकामियों ने सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या सीबीआई जैसी बड़ी जांच एजेंसी भी अपराधियों की पहुंच के आगे लाचार है.. या फिर सीबीआई की इस लाचारी के पीछे कोई काला सच छुपा है....
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