Wednesday, March 17, 2010

माया की माला में दुर्लभ फूल





माया की माला में लगे हैं दुर्लभ फूल....जी हां ये बयान बिल्लकुल सच है.....चौक गए ना...!!!!!
ये बयान है बीएसपी का...वही बीएसपी जिसकी कमान संभाल रखी है बहन जी ने...लखनऊ में बसपा की महारैली के दौरान जब पार्टी कार्यकर्ताओं ने “महामहिम माया” को माला पहनाया तो चारो ओर माला की जबरदस्त चर्चा छिड़ गई...ये चर्चा इतनी गूंजी कि इसकी गूंज ना सिर्फ विधानसभा में सुनाई दी बल्कि इस चर्चा ने विधानसभा में हंगामा का रूप भी अख्तियार कर लिया.....और तब बचाव खेमे के नेताओं का ये एतिहासिक बयान आया कि बहन जी के गले में डाली गई स्वागत माला नोटों की नहीं बल्कि दुर्लभ फूलों से बनाई गई थी.....सच हीं तो है.....ये माला आखिरकार “दुर्लभ फूलों” से हीं तो बनी थी.....उन्हीं “दुर्लभ फूलों ” से जो आम जनता के लिए सच में दुर्लभ है....ये वही दुर्लभ फूल हैं जो आम आदमी के खून पसीने की मेहनत के बाद खिल कर आते हैं लेकिन इसके बावजूद आम जनता का इस पर कोई हक नहीं है.... आखिर आम जनता के लिए हज़ार-हज़ार के ये नोट दुर्लभ फूल हीं तो हैं जो केवल मायावती सरिखे महामहिमों की हीं पहुंच में हैं....महंगाई के इस दौर में आम आदमी के लिए तो इन फूलों के दर्शन भी दुर्लभ हैं.....जिन फूलों पर जनता का हक होना चाहिए था और जिसका इस्तेमाल समाज के विकास के लिए करना चाहिए था उन्हीं फूलों को दुर्लभ बताकर हार गले में एक बार नहीं बल्कि दो दो बार सजाकर जनता के इन सेवकों ने जनता को ये एहसास जरूर करा दिया है कि उन्हें जनता की कितनी फिक्र है....दलितों के उत्थान का दम भरने वाली माया के गले में सजी नोटों की ये माला आम जनता को चीख चीख कर जरूर चिढ़ा रही है कि ये दुर्लभ फूल उनके लिए सच में दुर्लभ है....

1 comment:

  1. बहुत ख़ुब....मायावती कहती हैं कि वो अम्बेडकर की नीतियों पर चलती हैं... तो अब ये तो मायावती ही बता पायेंगी कि क्या बाबा अम्बेडकर की नीतियां यही थी??? मुझे लगता है कि मायावती की इस हरकत से कहीं न कहीं बाबा अम्बेडकर की रूह ज़रूर तड़प उठी होगी

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